कही संक्रमण को बढ़ावा देने वाला साबित ना हो जाये ये फैसला, संचालको को होगा नुकसान...

If this decision does not prove to be a conduit for infection, the operators will be harmed.

कही संक्रमण को बढ़ावा देने वाला साबित ना हो जाये ये फैसला, संचालको को होगा नुकसान...
रिपोर्ट। दुर्गेश नरोटे, छिंदवाड़ा

कही संक्रमण को बढ़ावा देने वाला साबित ना हो जाये ये फैसला, संचालको को होगा नुकसान...

छिंदवाड़ा। प्राप्त जानकारी के अनुसार जल्द ही छिन्दवाड़ा से जबलपुर, भोपाल, इंदौर, सिवनी, बालाघाट सहित अन्य शहरो के लिए बसो के संचालन की तैयारियां की जा रही है, अगर ऐसा होता है और बसे चलती है तो कही ना कही ये कोरोना संक्रमण को आमन्त्रण देने जैसा होगा, जिन शहरो के लिए बसे चलाने की तैयारी हो रही है वे सभी शहर वर्तमान में कोरोना के हॉट स्पॉट बने हुए है, प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा मामले जबलपुर, इंदौर और भोपाल में ही है, अगर इन शहरो की तरफ से लोगो की आवा जाही होती है तो इससे संक्रमण के और बढ़ने का खतरा बना रहेगा, इसीलिए वर्तमान हालात को देखते हुए अभी बसो का संचालन बंद ही रखा जाना चाहिए, नियमो का पालन कराना भी बड़ी चुनोती साबित होगा, अगर एक संक्रमित भी बस में चढ़ गया तो बस में बैठे अन्य यात्रियों के भी संक्रमित होने का खतरा रहेगा, सरकार ने भले ही यात्री बसों का टैक्स माफ कर दिया है, लेकिन इसके बाद भी परमिट के लिए परिवहन विभाग में आवेदन नहीं किए जा रहे हैं, टैक्स माफ होने के बाद से अभी तक एक भी परमिट जारी नहीं हुआ है, इसके पीछे की वजह वाहनों को यात्री नहीं मिलना बताया जा रहा है, स्टैंड पर बसें तो खड़ी है, लेकिन यात्री नहीं मिल रहे, बस ऑपरेटरों की मांग पर मप्र सरकार ने पांच माह का रोड टैक्स माफ कर दिया है, सितम्बर माह का टैक्स भी पचास प्रतिशत ही जमा करना है, इसके बाद भी बस संचालन के लिए परमिट नहीं लिए जा रहे, विगत दिनों अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं ट्रैफिक डीएसपी बस ऑपरेटरों की बैठक लेकर बसों के संचालन के लिए चर्चा भी कर चुके हैं, इसके बाद भी सभी मार्गों पर पर्याप्त बसें नहीं चल रही, इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यात्रियों का नहीं मिलना बताया जा रहा है, बस स्टैंड पर भी बसें यात्रियों के इंतजार में खड़ी है, बस में एक से अधिक लोग सफर करते हैं, जिसकी कोई फिक्स लिमिट नही है, जितने चाहे यात्री बस में सवार किये जा सकते है, कोरोना संक्रमण के कारण लोग ऐसे वाहन में की सवारी करने से बच रहे हैं जिसमें अधिक लोग सवार होते हैं, यही वजह कि बसों को सवारी नहीं मिल रही, बस ऑपरेटर बस तो चलाना चाहता है पर उनके सामने यात्रियों की समस्या है, मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा अभी भी संभव नजर नहीं आ रहा है, आगे भी स्थिति यही रहेगी अगर बसे चलाई भी जाती है तो अभी यात्री मिलना सम्भव नही है, लोग बसो में यात्रा करने से बच रहे है। 

परमिट लेने नहीं आ रहे ऑपरेटर 

परिवहन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार यात्री बसो का पांच माह का रोड टैक्स माफ कर दिया गया है, इसकी जानकारी पोर्टल पर भी डाली जा चुकी है, सितम्बर माह का केवल 50 प्रतिशत टैक्स ही बस ऑपरेटरों को जमा करना है, लेकिन अभी तक एक भी बस ऑपरेटर ने परमिट के लिए आवेदन नहीं किया है, उसके पीछे की सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है यात्रियों का नही मिलना, अगर ऐसे हालात में ऑपरेटर बस चलाते भी है तो उन्हें पर्याप्त यात्री नही मिलेंगे, ऐसे में बस चलाकर फायदा तो नही होगा बल्कि ऑपरेटरों को नुकसान ही झेलना होगा।

संचालको को होगा नुकसान    

वहीं बस संचालको का कहना है कि किराया में संशोधन किया जाएगा तब ही वाहनों का खर्च निकलेगा, आइ फार्म की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए, कोरोना के कारण आम लोग बसों में सफर करने से भी डर रहे हैं, स्थिति सामान्य होने तक यात्री बसों का संचालन किया जाना बड़ा मुश्किल होगा, कोई भी बस मालिक नुकसान उठाकर बसो का संचालन नही कर पायेगा, वर्तमान हालात में रोज का ख़र्चा निकालना भी मुश्किल होगा, चालक परिचालक की तनखाह और पेट्रोल डीजल का खर्चा भी नही निकलेगा, ऐसे में अभी बसो का संचालन मुश्किल है।

आमजन भी नही चाहते संचालन

जब हमने इस को लेकर आमजन से बात की तो ज्यादातर आम लोगो का यही कहना है की वर्तमान हालात में बसो का संचालन ठीक नही है, यह संक्रमण को बढ़ावा देने वाला काम है, बसे चली तो स्थिति और बिगड़ जाएगी,  संक्रमण फैलने की रफ़्तार और तेज होगी, हालात को सम्भलना मुश्किल हो जायेगा, अगर किसी व्यक्ति को यात्रा करना भी पड़ रहा है तो वो अपने निजी वाहन से कर रहा है, वैसे भी अभी हर व्यक्ति अपने निजी वाहन से ही यात्रा करना पंसद कर रहा है।