कोरोनावायरस संकट के समय पुलिस के सामने कई चुनौतियां...

Many challenges before the police in times of severe crisis

कोरोनावायरस संकट के समय पुलिस के सामने कई चुनौतियां...
रिपोर्ट - रवि शिवहरे, कोरबा

कोरोना महामारी में पुलिस की भूमिका..

भयंकर संकट के समय पुलिस के सामने कई चुनौतियां...

कोरोना वायरस जो कि एक महामारी का रूप ले चुकी है और पूरा विश्व इस संक्रमण से जूझ रहा है। जिसे रोकने का सिर्फ एक ही जरिया है होम क्वॉरेंटाइन रहना ।जिससे संक्रमण की कड़ी आगे ना बढ़ पाए और कोरोना वायरस पर काबू पाया जा सके। लेकिन होम क्वॉरेंटाइन रहना किसी व्यक्ति के लिए आसान काम नहीं है। जहां हर व्यक्ति को सुबह से अपने काम में जाने की आदत हो ।सुबह - शाम घर से बाहर रहने की आदत बनी हो। ऐसे में एक दिन माननीय प्रधानमंत्री का एलान वो भी एक-दो दिन नहीं, बल्कि लगातार 21 दिनों के लिए पूर्ण लॉग डाउन। जनता भी जानती है कि यह सब के जीवन का सवाल है और इसके आलावा  दूसरा कोई रास्ता नहीं है। फिर भी दिल को समझाना मुश्किल हो रहा, तो सोचा एक चक्कर लगा के आते हैं देखें क्या हो रहा है ।जो रोज घर से बाहर जाकर चाय की चुस्की लेने निकलते थे। उन्होंने कुछ हल्के में ले लिया फिर क्या था। तैनात थे पुलिस जवान। पुलिस ने पहले कुछ समय समझाया जो नहीं समझे उनके साथ सख्ती करनी पड़ी। इसके काफी वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट हुए ,मगर क्या करते उनकी जिंदगी को बचाने के लिए ऐसा कदम उठाना पड़ा पुलिस को। 

लॉक डाउन में पुलिस की भूमिका अभिभावकों के जैसी

जब कोई बच्चा अपने माता-पिता की बात नहीं मानता जैसे पढ़ाई करने, ज्यादा नहीं खेलने और बाहर घूमने जाने से मना करने वाली इन सब बात को मानने से इनकार करता है। तो ना चाहते हुए भी अभिभावकों को बच्चे के साथ सख्ती करनी पड़ती है।  लॉक डाउन में भारती पुलिस को भी कुछ ऐसा ही करना पड़ा ।जो कोई भी बेवजह घर से बाहर पाए गए उनको पुलिस की सख्ती का सामना करना पड़ा ।यह जरूरी भी है क्योंकि आदेश का पालन करना हर नागरिक का फर्ज है और आदेश का पालन कराना पुलिस की जिम्मेदारी।

संक्रमण का डर नहीं क्योंकि कंधों पर है जिम्मेदारी

आज देश की जनता घर पर रहते हुए जैसे- तैसे अपने दिन गुजार रही और लॉक डाउन खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। वहीं पुलिस के जवान दिन-रात देश की जनता को संक्रमण से बचाने के लिए खड़े हैं। पुलिस भी इंसान हैं यह संक्रमण उनको भी हो सकता है और कई राज्यों में हुआ भी है। फिर भी अपने से पहले फर्ज और देश की जनता को संभाल रहे हैं। ये भी चाहते हैं घर पर आराम करना अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करना ।लेकिन क्या करें फर्ज और   देश की जिम्मेदारी जो कंधों पर है।

महिला पुलिस निभा  रही दोहरी जिम्मेदारी

महिला खासकर भारतीय और वो भी काम काजू जिसे अपने जीवन में दोहरी जिम्मेदारी निभानी पड़ती हैं ।इसी में शामिल है महिला पुलिस जो संकट की घड़ी में पूरी मुस्तैदी से डटी हुई हैं ।  कोई अपना छोटा बच्चा छोड़कर आई हो, किसी के माता-पिता को उनकी जरूरत हो य परिवार में कोई दूसरी समस्या हो। फिर भी परिवार और फर्ज दोनों को बखूबी तरीके से निभा रही हैं।

लॉग डाउन में देश की जनता ने समझी पुलिस की अहमियत

यह वह समय है जिसे आने वाली पीढ़ी अपने पाठ्यपुस्तक में पड़ेगी। जिस तरह से कोरोना वायरस संक्रमण ने इतिहास रचा है और इस संकट के समय में लोगों की सुरक्षा करने वाले कोरोना फाइटर्स ने पूरी निष्ठा से अपना फर्ज निभा रहे है ।उससे लोगों के दिलों में एक नई छवि बनी हैं। लोग अब पुलिस से डरते हुए नहीं बल्कि आदर के साथ हाथ जोड़ते हुए उनका धन्यवाद करते हैं ।वे जान गए हैं पुलिस की सख्ती और समझाइश उनके जीवन की सुरक्षा के लिए है ।लोगों द्वारा पुलिस को धन्यवाद करते हुए फूल बरसाए गए देश के कई राज्यों में यह नजारा देखने को मिला ।ऐसा ही नजारा मध्यप्रदेश के जबलपुर में भी देखने को मिला।

कड़क वर्दी के अंदर नरम दिल

वैसे तो सोशल मीडिया पर बेवजह घूमने वालों पर पुलिस की लाठी मारते हुए कई वीडियो देखने को मिले होंगे। मगर इस संकट के समय पुलिस की एक और तस्वीरें देखने को मिली और हो भी क्यों न आखिर वह भी तो पहले इंसान है। मानवता के नाते भूखों को खाना देना ,खुद उनके पास जाकर खाना और पानी पहुंचाना।  यह करने के लिए पुलिस को किसी ने नहीं कहा, ये तो बस एक इंसान का इंसान से जो रिश्ता होता है वहीं हैं।जो इस संकट के समय में दिखाई देता है।